This is how a person becomes in love
प्यार को शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता और ना ही प्यार की कोई परिभाषा है। इसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है।
ये एक ऐसा बंधन है जो दो लोगों को रूह की गहराई से बांध देता है। प्यार आसानी से किसी से हो तो सकता है पर आसानी से ख़त्म नहीं हो सकता।
प्यार को सिर्फ वो महसूस कर सकता है जो सच में किसी से सच्चा प्यार करता है।
प्यार में वो शक्ति होती होती है कि जब किसी से प्यार हो जाता है तो इंसान सात समंदर पार से चला आता है
आमतौर पर पहली नजर में हमें किसी का चेहरा पसंद आ जाता है, किसी की आँखे पसंद आ जाती है, किसी का बात करने का स्टाइल पसंद आ जाता है, या किसी का व्यवहार।
कॉलेज के दिनों में, स्कूल के दिनों में, या कम उम्र में होने वाला ज्यादातर प्यार Attraction ही होता है जिसमें Feelings तो प्यार वाली ही होती हैं
कभी कभी Career तथा जिन्दगी की प्राथमिकतायें बदलने के साथ ही पहला प्यार पीछे छूट जाता है।
आकर्षण (Temporary Love) इन्सान की ख़ूबसूरती , उसके लुक्स, उसकी Body Language से होता है और ज्यादातर ये एक तरफ़ा होता है।
सच्चा प्यार कभी भी किसी को देखते ही नहीं होता। सच्चा प्यार तो एक दूसरे को जानने और समझने के बाद होता है।