This habit of the partner makes the relationship toxic
एक रिश्ते में समानता का मतलब यह है कि दोनों ही इंसान एक-दूसरे की जरूरतों, इच्छाओं और भावनाओं का सम्मान करें.
रिलेशनशिप में जब बराबरी या समानता का अधिकार नहीं होता है तो इसकी पहली पहचान इस बात से की जा सकती है कि हर तरह का निर्णय एक ही इंसान लेता है
हेल्दी रिलेशनशिप में पार्टनर आपसी बातचीत के बाद निर्णय लेना पसंद करते हैं.
रिेलेशनशिप में दो लोगों के बीच मतभेद होना नॉर्मल बात है.
ऐसे में पार्टनर आपस में बातचीत कर बीच का मसला निकाल लेते हैं या पार्टनर के असहमत होने पर कोई कडा़ निर्णय नहीं लेते हैं.
जबकि रिलशनशिप में असमानता की भावना हो या पार्टनर किसी बात पर असहमत हो तो वह साथी के साथ किसी तरह के समझौता से इंकार कर देता है और अपनी मर्जी का ही चलाता है.
यह स्वाभाविक है कि रिलेशनशिप में एक ही इंसान अपने पार्टनर को मन की करने की इजाजत देता जाए.
अगर हर बार ऐसा हो और उसकी भावनाओं की कद्र ना की जाए या उसे यह महसूस कराया जाए कि उसकी इच्छा से अधिक मेरे मन की बात को करना जरूरी है तो ये असमानता को दर्शाता है.
अगर इंसान अपने पार्टनर को चुप रहने या अपनी बात को ही अंतिम निर्णय मानने के लिए दबाव डालता है तो ये रिलेशनशिप में असमानता का दिखाता है.