The tenant has these rights
कई बार मकान मालिक मनमानी करते हैं और किराएदार की मजबूरी का फायदा उठाते हैं.
किराएदारों को किराया बढ़ाने के लिए कह देते हैं या अचानक से मकान खाली करने के लिए बोल देते हैं.
कानून कहता है कि रेंट एग्रीमेंट में लिखी समय सीमा से पहले मकान मालिक किराएदार को मकान से नहीं निकाल सकता.
अगर किराएदार ने 2 महीने से रेंट न दिया हो या उसके मकान का इस्तेमाल कॉमर्शियल काम जिसका जिक्र रेंट एग्रीमेंट में न हो, तो वो किराएदार से मकान खाली करने के लिए कह सकता है.
अगर मकान मालिक मकान का किराया बढ़ाना चाहता है तो उसे किराएदार को कम से कम तीन महीने पहले इसके लिए नोटिस देना चाहिए.
मकान मालिक से बिजली का कनेक्शन पीने का साफ पानी पार्किंग जैसी साधारण सुविधा मांगना किराएदार का अधिकार है.
रेंट एग्रीमेंट लागू होने के बाद अगर मकान का ढांचा खराब हो जाता है, तो उसे ठीक कराने का जिम्मा मकान मालिक का होता है.
अगर मकान मालिक उसे रेनोवेट कराने की स्थिति में नहीं है, तो किराएदार मकान का किराया कम करने के लिए कह सकता है.
किसी विवाद की स्थिति में किराएदार रेंट अथॉरिटी से भी संपर्क कर सकता है.