Stomach diseases are cured by the leaves of this plant.
आयुर्वेद में तमाम तरह के पौधों का जिक्र आता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं.
इन्हीं में से एक है पत्थरचट्टा (Bryophyllum). ये एक ऐसा पौधा होता है, जिसका हर भाग सेहत के लिए कारगर होता है
यह एयर प्लांट, लाइफ प्लांट, कैथेड्रल बेल्स और मैजिक लीफ के नाम से भी जाना जाता है. इस पौधे की पत्तियां किडनी और मूत्र विकारों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में बेहद लाभकारी मानी जाती हैं.
साथ ही ये पेट में जमा विषैले तत्वों को खींचकर बाहर निकाल देती हैं.
1. आयुर्वेद में पत्थरचट्टा को किडनी की समस्याओं को दूर करने में किया जाता है. यह गुर्दे की पथरी को झट से निकालने का काम करती है.
पत्थरचट्टा का काढा बनाकर पीया जाए तो पेशाब जलन, रुक-रुक पेशाब आना आदि समस्याओं को दूर किया जा सकता है.
2. पत्थरचट्टा की पत्तियां इंफ्लामेशन को दुरुस्त करने में रामबाण की तरह काम करती हैं. आयुर्वेद में इसका कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है.
सबसे आसान तरीका यह है कि आप इसकी 4-5 पत्तियां पीसकर लेप बना लें. इसके बाद इस लेप को नियमित चोट पर लगाएं. ऐसा करने से आपको दर्द से आराम मिलेगा
3. खूनी दस्त रोकने के लिए भी पत्थरचट्टा बेहद कारगर होता है. यदि आप पेट से जुड़ी दिक्कत या खूनी दस्त से परेशान हैं तो इसकी पत्तियों का रस आपको राहत दिलाएगा.