G20 पर भारत ने दिया इनते रूपयों का खर्च, बदले में मांगी ये चीजें

हाल ही में दिल्ली में G20 मीटिंग आयोजित की गई है। लेकिन अब इवेंट की तैयारियों पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। हर किसी के जहन में सवाल आ रहा है कि आखिर इतना खर्च करने के पीछे मकसद क्या है? ऐसे में आइए जानते हैं कि G20 बैठक के बदले भारत ने विदेशियों से किन किन गिफ्त की उम्मीद की है।
मिली जानकारी के मुताबिक, भारत साल 2023 G20 बैठक की मेजबानी कर रहा है। जिसकी तैयारियों के लिए भारत ने करोड़ों रुपए का खर्चा आया है। दरअसल, G20 की बैठक में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान समेत कई बड़े देश के दिग्गजों ने हिस्सा लिया है।
ऐसे में यह इंवेट बहुत बड़ा होने वाला है। जब भारत ने G20 के लिए इतनी तैयारी की है तो सवाल उठता है आखिर इतना खर्च करने के पीछे का कारण क्या है? ऐसे में हम आपको बताएंगे कि G20 की ग्लोबल बैठक के बदले में भारत को किन गिफ्ट्स की उम्मीद है…

खर्च किए 4254 करोड़
G20 बैठक के लिए दिल्ली को सजाने पर 4254.75 करोड़ रुपये का खर्च आया है। बता दें कि इस खर्च को कुल 12 हिस्सों में बांटा गया है।
G20 की तैयारियों का मुद्दा सबसे अहम है। साथ ही सड़कों, फुटपाथों, स्ट्रीट साइनेज और प्रकाश व्यवस्था के रखरखाव में होने वाला खर्च भी जोड़ा गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, बागवानी सुधारों से लेकर जी20 ब्रांडिंग तक के काम पर लगभग 75 लाख रुपये से लेकर 3,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्चा दिया गया है। ये खर्च डिफेंस मिनिस्ट्री के अधीन विभागों से लेकर NDMC और MCD तक नौ सरकारी एजेंसियों के द्वारा ही किया गया है।
मीटिंग में भारत को निम्मलिखित गिफ्त प्राप्त हुए है…
- भारत और अमेरिका के बीच की स्थिति दोस्ती की तरह होती दिखाई दे रही है। ऐसे में बैठक से उसमें और तेजी आने की खबर मिली है। यही नहीं चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते ट्रेड वॉर या कोल्ड वॉर का लाभ भारत को मिल सकता है।
- चीन और अमेरिका के बीच बढ़ती दूरी से अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत एक बड़े विकल्प के तौर पर उभरता हुआ दिखाई दे रहा है। चीन में अमेरिकी आईफोन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगी है।
- अमेरिका चीन की सारी चाल समझ चुका है। ऐसे में भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते संबंध व्यापार को बढ़ावा मिलने वाला है। अमेरिकी कंपनियां भारत की ओर रूख कर सकती है। यह भारत की इकोनॉमी पर भी काफी असर डालने वाली है।
- साथ ही दोनों देशों के बीच रीन्यूएबल इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट फंड पर सहमित बनी हुई है। इसके लिए दोनों देश मिलकर 1 अरब डॉलर का निवेश करने वाले हैं। इससे रीन्यूएबल एनर्जी, बैटरी स्टोरेज और ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया जाएगा।
- ऋषि सुनक और पीएम मोदी के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई। दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, अनाज समझौता, कोरोना वैक्सीन रिसर्च, एमएससीए फाइटर जेट इंजन को लेकर भी बातचीत हो सकती है।
- ब्रिटेन के साथ- जर्मनी जी20 देशों के बीच सोलर एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन, क्लीन एनर्जी यूपीआई जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।
- पीएम मोदी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलॉनी के साथ भी द्विपक्षीय बाचतीत होगी। दोनों देशों के बीच हेलीकॉप्टर, रडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर आदि पर चर्चा की जाएगी।
- दुनिया के 19 ताकतवर देशों के नेता भात के काम में लगे हुए हैं। ऐसे में इन देशों के भारत आने से देश में निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
- भारत को फ्री ट्रेड का मौका मिलने वाले हैं। देखा जा रहा है कि फ्री ट्रेड से भारत के कारोबार में तेजी आएगी। इस बैठक से कुछ मदद भी मिलेगी।
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