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क्या वकील पूनम चंद सोलंकी' बच्ची को दिला पायेंगे इंसाफ? 'Sirf Ek Banda Kafi Hai' Movie Review In Hindi

यह फिल्म के ईमानदार वकिल की कमायाबी पर आधारित है जहां वह एक बाबा द्वारा एक नाबालिग के साथ किए गए काले कारनामों को सबके सामने पेश करता है। आइए जानते हैं कि 'Sirf Ek Banda Kafi Hai' Movie Review In Hindi क्या रहा है। 

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Movie Review In Hindi

The Kalamkar, Viral Desk हमारे देश में धर्म गुरुओं की आम जनता के बीच एक अलग ही मान्यता है। धर्म चाहे कोई सा भी हो, हर इंसान के दिल में उसकी एक अलग जगह होती है। यह फिल्म भी एक ऐसे धर्मगुरु की कहानी कहती है, जो सच्ची घटनाओं की ओर हमें अग्रसर करती है। बता दें कि फिल्म 'Sirf Ek Banda Kafi Hai' में एक भक्त परिवार की पुत्री बाबा के आश्रम द्वारा संचालित स्कूल में पढ़ती है।

एक दिन ऐसा आता है कि उस लड़की को ये कहकर आश्रम में भेजा जाता है कि उसके उपर किसी बूरी आत्मा का साया जो केवल बाबा ही दूर कर सकते हैं। लेकिन बाबा के ईरादे नेक नहीं होते हैं, वह नाबालिग के साथ बूरे तरीके से पेश आते हैं। पहली बार में तो लड़की को विश्वास ही नहीं होता है कि बाबा उसके साथ ऐसा कर रहे हैं। लेकिन बाद में जैसे तैसे बच्ची बाबा का चंगुल से फरार हो जाती है और वह बाबा के खिलाफ FIR दर्ज करवा देती है। यहां से एक पीड़िता और परिवार की पूरी कहानी शुरु होती है। आइए जानते हैं एक परिवार के साथ बाबा की जंग का अंत ('Sirf Ek Banda Kafi Hai' movie Download in HD) कहां हुआ...

जाहिर है कि पैसा और ताकत के काबिल बाबा को बचाने में उनकी कर्मचारी और भक्त लग जाते हैं. एक परिवार के सामने एक बाबा की चुनौति आप समझ ही सकते हैं उस परिवार पर किस तरह से इंज्जत और जान जाने का खतरा मंडरा रहा था। 

जोधपुर कोर्ट में चल रहे मामले में जब पीड़िता की ओर से पेश सरकारी वकील मामले में मोटा पैसा बनाने काम करने लग जाता है। तो कुछ पुलिस अधिकारी बच्ची को वकील पूनम चंद सोलंकी (मनोज बाजपेई) के पास भेजते हैं, जिसकी पहचान ईमानदारी के लिए की जाती है। परिवार के बाद यह जंग बाबा बनाम एडवोकेट सोलंकी में बदल जाती है। क्या एक विनम्र वकील बाबा का मुकाबला कर सकता है और पीड़िता को न्याय दिलाने में कामयाब हो पाता है या नहीं? ये बात तो आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चल सकती है।

Trailer of 'Sirf Ek Banda Kofi Hai' IN hindi

निर्देशक अपूर्व सिंह कार्की ने लेखक दीपक किंगरानी की सच्ची घटना के आधार पर इस फिल्म को बनाया है। करीब ढाई घंटे की यह फिल्म आपको पास ही रखती है। वैसे तो फिल्म के ज्यादातर सीन कोर्टरूम के हैं, लेकिन फिल्म में मनोज बाजपेयी के किरदार के कई शेड्स प्रस्तुत किए गये हैं।

फिल्म के लेखक दीपक ने मनोज के चरित्र को एक सक्षम वकील के साथ-साथ एक बेटे और एक पिता के रूप में भी सामने आते हैं। फिल्म की सबसे खास बात तो ये होती है कि एक सामान्य वकील को बेहद सामान्य तरीके से पेश किया गया है। साथ की एक वकिल की ईमानदारी की एक अच्छी मिसाल (Sirf Ek Banda Kafi Hai Movie Review In Hindi) पेश की गई है। 

पिछले कुछ सालों में फिल्मों से लेकर वेब सीरीज तक में मनोज बाजपेयी ने अपना दम दिखाया है। बार बार चर्चा में रहने वाले मनोज एक बार फिल्म को लेकर सुर्खिंयों में बने हुए हैं। वहीं पिछले दिनों अपनी फिटनेस को लेकर भी मनोज की तारिफ (Sirf Ek Banda Kafi Hai Movie Review In Hindi) की जा रही थी। 

बोरिंग कोर्टरूम बेस्ड फिल्म में उन्होंने एक बार फिर अपने बेहतरीन अभिनय का जलवा बिखेरा है. वह सिर्फ अपने चेहरे के भाव और हाव-भाव से ही नहीं बल्कि अपने अंदर के वकील को भी लोगों के सामने लेकर आते हैं। खासतौर पर क्लाइमेक्स में कोर्ट में उनका समापन भाषण आपको एक अलग जोश देने वाला है। 

मनोज के अपोजिट केस लड़ने वाले विपिन शर्मा ने एक्टिंग अच्छी की है, लेकिन दूसरे बड़े वकीलों की भूमिका उतनी नहीं देखी जा रही है। 

फिल्म में क्यों देखें - अगर आपने लंबे समय से बेहतरीन एक्टिंग वाली कोई अच्छी फिल्म नहीं देखी है तो आपको ये फिल्म मिस नहीं करनी चाहिए. वैसे भी मनोज ने कहा है कि ये उनके करियर की सबसे बेस्ट फिल्म है।