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Satish Kaushik Story In hindi: कभी बेटे की मौत तो कभी घर की परिस्थिती ने कर दिया था कमजोर, देखे दिग्गज का फिल्मी दुनिया का सफर

Satish Kaushik Story: देश के महान एक्टर Satish Kaushik का निधन हो गया है. ऐसे में फिल्म जगत में शौक की लहर दोड़ रही है. हर कोई सोशल मीडिया  पर इस महान अभीनेता की मौत का दुख मना रहा है. 

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Satish Kaushik के जीवन से जुड़ी हर जरुरी बात

The Kalamkar, Viral Desk Satish Kaushik का निधन हो गया है. 66 साल की उम्र में Satish Kaushik ने अंतिम सांस ली. Satish Kaushik के अचानक यूं चले जाने से उनका परिवार, फैंस और तमाम सेलेब्स को गहरा झटका लगा. कई लोगों को तो इस बात पर यकीन भी नहीं हो रहा है कि दिग्गज कलाकार अब हमारे बीच नहीं रहे. 

सबके चेहरों पर मुस्कान लाने वाले दिग्गज एक्टर और डायरेक्टर Satish Kaushik हमेशा के लिए खामोश हो गए हैं. Satish Kaushik का निधन हो गया. 66 साल की उम्र में Satish Kaushik ने अंतिम सांस ली और दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. एक्टर के निधन से हर कोई गहरे सदमे में है. एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में मायूसी छा गई है. 

दिग्गज एक्टर और फिल्ममेकर Satish Kaushik का 67 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनके निधन की जानकारी सोशल मीडिया पर उनके दोस्त और कलीग अनुपम खेर ने दी. उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया ’45 साल की उनकी दोस्ती पर अचानक पूर्णविराम लग गया.’ 

दिग्गज Satish Kaushik के निधन पर एक्टर गृह मंत्री अमित शाह ने भी श्रद्धांजिली दी. उन्होंने कहा, “एक्टर, डायरेक्टर और राइटर Satish Kaushik जी के आकस्मिक निधन से गहरा दुख हुआ. भारतीय सिनेमा, कलात्मक कृतियों और प्रदर्शनों में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. उनके शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना. ओम् शांति शांति.”

एक्टर Satish Kaushik के निधन की जानकारी देते हुए अनुपम खेर ने ट्वीट किया, “जानता हूँ मृत्यु ही इस दुनिया का अंतिम सच है! पर ये बात मैं जीते जी कभी अपने जिगरी दोस्त #SatishKaushik के बारे में लिखूँगा, ये मैंने सपने में भी नहीं सोचा था।45 साल की दोस्ती पर ऐसे अचानक पूर्णविराम !! आपके बिना जीवन पहले जैसा नहीं रहेगा सतीश ! ओम् शांति!”

बॉलीवुड में पसरा सन्नाटा

एक दिन पहले तक होली के जश्न में डूबे लोगों ने सोचा भी नहीं होगा कि अगली सुबह इतनी काली होगी. लेकिन होनी को कौन टाल सकता है. Satish Kaushik के अचानक यूं चले जाने से उनका परिवार, फैंस और तमाम सेलेब्स को गहरा झटका लगा है. कई लोगों को तो इस बात पर यकीन भी नहीं हो रहा है कि दिग्गज कलाकार अब हमारे बीच नहीं रहे. 

Satish Kaushik ने सपनों की महानगरी मुंबई आकर एक एक्टर और डायरेक्टर के तौर पर खास पहचान बनाई. लेकिन असल में वो हारियाणा के रहने वाले थे. Satish Kaushik का जन्म 13 अप्रैल 1956 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में हुआ था. 

उन्होंने अपनी पढ़ाई हरियाणा और दिल्ली से की थी. साल 1972 में उन्होंने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली. उन्होंने फिर एफटीआईआई (Film and Television Institute of India) से एक्टिंग की पढ़ाई की थी. 

'मासूम' फिल्म से की एक्टिंग की शुरुआत

कम ही लोग जानते हैं कि Satish Kaushik ने अपने करियर की शुरुआत साल 1983 में फिल्म मासूम से बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर की थी. इसी फिल्म से उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में भी कदम रखा था. इसके बाद फिल्म 'रूप की रानी चोरों का राजा' से उन्होंने एक डायरेक्टर के तौर पर डेब्यू किया. फिल्मों में डायरेक्शन और एक्टिंग के साथ उन्होंने स्क्रीन पर कॉमेडी करके भी लोगों का दिल जीता. फिल्म  'राम-लखन' और 'साजन चले ससुराल' के लिए उन्हें दो बार बेस्ट कॉमेडियन का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था. 

2 साल के बेटे के निधन से टूट गए थे सतीश

Satish Kaushik की शादी साल 1985 में शशि कौशिक से हुई थी. शादी के कई साल बाद उनके घर में बेटे का जन्म हुआ था. लेकिन अफसोस फिल्मी पर्दे पर लोगों को हंसाने वाले Satish Kaushik की जिंदगी में एक हादसा हुआ, जिसने उन्हें बुरी तरह तोड़ दिया था. 1996 में उनके 2 साल के बेटे का निधन हो गया था. बेटे की मौत का उन्हें गहरा सदमा लगा था, जिससे निकलने में उन्हें काफी समय लगा. 

बेटे की मौत के 16 साल बाद फिर से बने थे पिता

कहते हैं कि इंसान को कभी भी परेशानियों से ना उम्मीद नहीं होना चाहिए, क्योंकि खुशियां कभी भी दस्तक दे सकती हैं. Satish Kaushik के जीवन में भी कुछ ऐसा ही चमत्कार हुआ. बेटे की मौत के 16 साल बाद साल 2012 में उनके घर में फिर से किलकारियां गूंजी. सरोगेसी की मदद से उनके घर बेटी ने जन्म लिया था. बेटी के जन्म से उनके घर में फिर से खुशियों ने दस्तक दी थी. 

यादगार हैं Satish Kaushik की ये Films

Satish Kaushik का फिल्मी करियर काफी शानदार रहा है. उन्होंने एक्टर और डायरेक्टर के अलावा एक कॉमेडियन और स्क्रीनराइटर के तौर पर भी काम किया. फिल्म दीवाना मस्ताना और मिस्टर इंडिया उनके किरदारों को आज तक फैंस भूल नहीं पाए हैं.  फिल्म जाने भी दो यारों, कागज, स्वर्ग, जमाई राजा, साजन चले ससुराल, मिस्टर और मिसेज खिलाड़ी समेत कई फिल्मों में अपनी शानदार एक्टिंग से लोगों का दिल जीता था. एक्टिंग के अलावा उन्होंने 'हम आपके दिल में रहते हैं', 'तेरे नाम', 'शादी से पहले' समेत कई फिल्मों का निर्देशन भी किया था. Satish Kaushik के निधन से हर कोई दुखी है और नम आंखों से उन्हें याद कर रहा है. 

Satish Kaushik के अवॉर्ड्स

Satish Kaushik ने अपने उम्दा एक्टिंग से कई अवॉर्ड्स अपने नाम किया है. उन्हें ‘परदेसी बाबू’ में बेस्ट कॉमिक रोल के लिए ‘बॉलीवुड अवॉर्ड’ मिला था. ‘कागज’ में सपोर्टिंग रोल के लिए वह ‘दादा साहब फाल्के अवॉर्ड’ भी अपने नाम कर चुके हैं. उन्हें ‘साजन चले ससुराल’ और ‘राम लखन’ के लिए दो ‘फिल्मफेयर अवॉर्ड्स’ मिले हैं. उन्हें ‘थार’ के लिए ‘ओटीटी प्ले अवॉर्ड’ भी मिला है.

Satish Kaushik की बतौर डायरेक्टर जर्नी

एक्टिंग और लेखनी में तो सतीश का कोई तोड़ नहीं था, लेकिन वह डायरेक्शन में भी काबिल थे. पहले ही बतौर डायरेक्टर उनकी पहली फिल्म ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ और दूसरी फिल्म ‘प्रेम’ बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हुई थी, लेकिन ‘तेरे नाम’, ‘हम आपके दिल में रहते हैं’ जैसी हिट फिल्मों ने उनकी काबिलियत को साबित कर दिया था.

Satish Kaushik को इन फिल्मों से मिली पहचान

Satish Kaushik ने यूं तो कई फिल्मों में काम किया, जिनमें ‘जाने भी दो यारों’, ‘जमाई राजा’, ‘साजन चले ससुराल’, ‘चल मेरे भाई’, ‘हमारा दिल आपके पास है’, ‘ब्रिक लेन’, ‘उड़ता पंजाब’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी’ जैसी कई नामी फिल्मों में काम किया है. 

हालांकि, उन्हें असली पहचान ‘मिस्टर इंडिया’ से मिली, जिसमें उन्होंने ‘कैलेंडर’ का रोल प्ले किया था. इसके अलावा उन्होंने ‘दीवाना मस्ताना’ में ‘पप्पू’, ‘मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी’ में ‘चंदा मामा’, ‘साजन चले ससुराल’ में ‘मुत्थू स्वामी’, ‘परदेसी बाबू’ में ‘हैप्पी हरपाल सिंह’ और ‘राम लखन’ में ‘काशीराम’ जैसे किरदार से दर्शकों के दिलों को जीत लिया था.

ऐसा था मनोरंजन की दुनिया तक का सफर

सतीश का जन्म 1956 में हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई दिल्ली से पूरी की. इसके बाद उन्होंने किरोड़ीमल कॉलेज में दाखिला लिया जहां से उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा किया. इसके बाद उनके अभिनय का सफर शुरू होता है. 

उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में एडमिशन ले लिया और पढ़ाई पूरी करने के बाद मुंबई के लिए निकल पड़े. 1983 में बॉलीवुड में कदम रखने के बाद वो अपनी आखिरी सांस तक लोगों को हंसाते रहे.

करियर:  

Satish Kaushik ने अपने करियर की शुरुआत बतौर सहायक निर्देशक शेखर कपूर के साथ फिल्म मासूम से की। इस फ़िल्म में सहायक निर्देशक होने के साथ-साथ उन्होंने इस फिल्म में अभिनय भी किया। उन्होंने बतौर निर्देशक अपने करियर के पारी की शुरुआत अनिल कपूर और श्री देवी स्टारर फिल्म रूप की रानी चोरो के राजा से की, लेकिन फिल्म कुछ खास नहीं चली। 

उसके बाद उन्होंने प्रेम फिल्म निर्देशित की, जो फिल्म अभिनेत्री तब्बू की पहली फिल्म थी। इसके बाद उन्होंने अनिल कपूर और ऐश्वर्या को लेकर फिल्म हम आपके दिल में रहते हैं निर्देशित की, जो की उस समय की हिट फिल्म साबित हुई थी।  
 
सिर्फ निर्देशन में ही नहीं बल्कि Satish Kaushik अभिनय करने में काफी मंझे हुए हैं। उन्होंने कई सारी फिल्मों में सहायक कलाकार की भूमिका अदा की है। उनकी सबसे यादगार फिल्‍म मिस्टर इंडिया है जिसमें उन्‍होंने कैलेंडर का किरदार निभाया है, जिसके बाद लोग उन्हें कैलेंडर नाम से भी सम्बोधित करने लगे थे।  उन्हें उनके बेहतरीन कामों के लिए कई सरे अवार्ड्स से भी नवाजा जा चुका है।