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Aishwarya Rai और अभिषेक की बेटी पर कोर्ट का आया बड़ा फैसला, रोकनी होगी ये अफवाह

Delhi High Court : ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन की बेटी का मामला दिन दिन उलझता ही जा रहा है। एक बार फैक न्यूज को लेकर ये मामला चर्चा में आ गया है। मामला YouTube चैनलों के खिलाफ किये गये मामले दर्ज की है. जिसपर हाईकोर्ट का एक फैसला आया है।

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अभीषके एश्वर्या की बेटी पर HC का बड़ा फैसला

The Kalamkar, Viral Desk दिल्ली उच्च न्यायालय ने ऐश्वर्या राय बच्चन और अभिषेक बच्चन की बेटी आराध्या बच्चन द्वारा दायर एक मुकदमे की सुनवाई करते हुए YouTube पर गलत तरीके से किसी की खबर को वायरल करने का आरोप लगाया है। आराध्या बच्चन ने नाबालिग होने के कारण कुछ यूट्यूब चैनलों द्वारा उनके स्वास्थ्य के बारे में रिपोर्टिंग करने पर प्रतिबंध लगाने पर रोक लगाने की याचिका दर्ज की है. 

गूगल और सभी यूट्यूब को दी वॉर्निंग 

इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि यूट्यूब की जिम्मेदारी बनती है कि वो इस तरह की फैक न्यूज को फैलाने पर रोक लगाया है। कोर्ट ने गूगल और यूट्यूब चैनलों से लिखित जवाब मांगा है। वहीं कोर्ट ने गूगल से कहा कि आईटी नियम 2021 के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए। 

YouTube की खिंचाई करते हुए, दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, जस्टिस सी हरि शंकर ने कहा कि यूट्यूब वीडियो को सही ना बताते हुए इस हटाने के आदेश दिये हैं। साथ ही ये भी कहा है कि देश के हर बच्चे को सम्मान का अधिकार है. साथ ही आने वाले समय में इस तरहे की न्यूज को पोस्ट करने पर प्रतिबंध लगाया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोर्ट ने याचिका में पक्षकार बनाए गए गूगल और सभी यूट्यूब प्लेटफार्म को समन जारी किया है।

वीडियो को अप्लोड करने पर लगाई रोक 

आराध्या मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सी हरि शंकर ने कहा, यूट्यूब की जिम्मेदारी है कि वह देखे कि उचित जानकारी का प्रसार हो। आपके पास इस तरह के मामलों में नीति क्यों नहीं है? इसे कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है?

आप एक मंच प्रदान कर रहे हैं जिस पर जनता को भ्रामक जानकारी दी जा रही है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, क्या YouTube के वकील लोगों को भ्रामक सामग्री अपलोड करने से नहीं रोकते हैं? केवल यह न कहें कि हम उन्हें कलम और कागज प्रदान कर रहे हैं, लेकिन वे जो लिखते हैं उसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं। 

चैनल्स को समन किया जारी 

YouTube सलाहकार नए आईटी नियमों के अनुरूप अपनी नीति में संशोधन करने के लिए जिम्मेदार हैं। दिल्ली हाई कोर्ट नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के बारे में बात करते हुए, दिल्ली HC से YouTube के वकील ने कहा, IT नियमों के पुराने और नए खंड के बीच अंतर है। एक मध्यस्थ के रूप में आपका कर्तव्य है कि आप अपनी नीति में संशोधन करें। नए नियम। आपने क्या किया है? यह आपको अदालत को बताना है कि नए आईटी नियमों के साथ चैनलों के खिलाफ कारवाई करने का फैसला लिया गया है। फिलहाल कोर्ट ने मामले  पर एक्शन लेते हुए सभी युट्यूब चैनलस् को समन जारी कर दिया है.